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हिंदी कहानियां - भाग 69

एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल से कहा - 'हमने न तो अप्सरा देखी है और न कोई चुड़ैल। इनके सिर्फ नाम ही सुने हैं। इन्हें दिखा सकते हो बीरबल?' 'जी हां, आपको अप्सरा और चुड़ैल दोनों दिखा दूंगा।'


'कब ?'

'बहुत जल्दी।'

'सोच लो, न दिखा सके तो सजा मिलेगी।'

बीरबल बुद्धिमान तो थे ही। उन्होंने विचार करने के बाद एक गरीब, कुलीन, मेहनती किसान स्त्री और एक खूबसूरत वेश्या को अपने साथ लिया और बादशाह के दरबार में हाजिर हो गए।

'यह क्या तमाशा है?'

'हुजूर! यह अप्सरा है और यह चुड़ैल है।'

'क्या बात करते हो?'

'यह सांवली स्त्री अप्सरा है और गोरी जो है, चुड़ैल है।'

बादशाह चौंक पड़े और बोले - ‘बीरबल! तुम उल्टी बात कह रहे हो। यह सुन्दरी अप्सरा लगती है।'

'नहीं हुजूर! यह काली स्त्री साक्षात् अप्सरा है, जो अपने पति को सच्चे प्यार से आनन्दित करती है और यह वेश्या चुड़ैल है जो जिस्मफरोशी करती है,‘ लूटती है। इसका धन्धा ही ऐसा है।' बीरबल समझाने लगे।

बादशाह को बीरबल का उत्तर तर्कसंगत लगा। फिर वे मौन हो गए।

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